5G तकनीक क्या है?किन-किन कंपनियों को मिली 5G ट्रायल की मंजूरी?5G ट्रायल के लिए साझेदार?क्या इस ट्रायल में चाइनीस कंपनियां भी शामिल है?किन-किन शहरों में 5G ट्रायल हो सकती है?5G का डाटा पैक भारत में कितने का पड़ेगा?कहीं 5G शरीर के लिए नुकसानदायक तो नहीं?
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5G In india |
5G तकनीक क्या है?
आखिर 5G क्या है और 5G से हमारी जिंदगी पर क्या फर्क पड़ने वाला है इंटरनेट की दुनिया इससे कैसे बदलने वाली है क्या ऐ सेहत के लिए नुकसानदायक है सबसे पहले जानते हैं कि 5G ट्रायल क्यों हो रहे हैं 5G यानी 5th जेनरेशन टेक्नोलॉजी फास्ट मोबाइल ब्रॉडबैंड नेटवर्क पर काम करेगी 5G नेटवर्क 20 जीबीपीएस से ज्यादा की स्पीड देगा अभी 4G नेटवर्क 1gbps की स्पीड देता है 5G के आने से स्पीड में ऐसा क्या फर्क पड़ जाएगा एक शब्द में कहें तो 5G तेज इंटरनेट स्पीड 4G के मुकाबले 100 गुना तेज होगा और जब वायरलेस इंटरनेट तेज हो जाएगा तो चीजें सिर्फ यूट्यूब और नेटफ्लिक्स या वीडियो कॉलिंग देखने तक सीमित नहीं रहेंगे ऑटोनॉमस व्हीकल्स, वर्चुअल रियलिटी, इंटरनेट ऑफ थिंग्स जैसी चीजें भी आम होने लगेगी मतलब अपने आप चलने वाली कारें स्मार्ट होम्स आदि चीजें भी आसान हो जाएगी यह सभी तकनीकी तैयार पड़ी है या फिर अपने अंतिम चरण पर है हमें भले ही 4जी तकनीक तेज लगती हो लेकिन तकनीकी तौर पर इतनी फास्ट नहीं है कभी कभी आपने भी महसूस किया होगा कि वीडियो कॉल करते वक्त आवाज और वीडियो एक साथ नहीं आती ए इंटरनेट की देर से रिएक्ट करने की वजह से होता है सोच कर देखिए कि अगर ऐसे इंटरनेट के जरिए किसी कार को कमांड दिया जाता है तो क्या हो कमांड की कुछ सेकेंड की देरी भी जान खतरे में डाल सकती है। ऐसे ही कई काम है जिसके लिए तेज इंटरनेट चाहिए तो यह सपना 5G साकार कर सकता है।
किन-किन कंपनियों को मिली 5G ट्रायल की मंजूरी?
भारत में 5G की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है फागी ट्रायल के लिए भारत सरकार ने मंजूरी दे दी है 13 कंपनियों को 5G ट्रायल की मंजूरी मिली है इनमें से एक भी कंपनी चाइनीज नहीं है टेलीकॉम डिपार्टमेंट ने साफ कहा है कि 5जी से चीनी कंपनियों को दूर रखा जाएगा जिन कंपनियों का ट्रायल की मंजूरी दी गई है इनमें रिलायंस जिओ, वोडाफोन आइडिया, भारतीय एयरटेल और एमटीएनएल शामिल है अब इन सभी कंपनियों को 5G ट्रायल के लिए सरकार की तरफ से बेन्स उपलब्ध कराए जाएंगे
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Future of 5g in india |
5G ट्रायल के लिए साझेदार?
रिलायंस जियो ने कहा है कि उनका नेटवर्क पूरी तरह से मेड इन इंडिया होगा यह आत्मनिर्भर भारत मुहिम का हिस्सा होगा जबकि दूसरी टेलीकॉम कंपनियों ने 5G लांच के लिए अपने पार्टनर चुने हैं। भारतीय एयरटेल ने नोकिया और एरिकसन को साझेदार बनाया है ऐसे ही वोडाफोन - आइडिया ने नोकिया एरिक्सन और मेवनीर को पाटनर चुना है।
क्या इस ट्रायल में चाइनीस कंपनियां भी शामिल है?
क्या कोई चाइनीस कंपनी भी इसमें शामिल है चीन के साथ खराब रिश्तो के चलते इस ट्रायल से चीन की दो बड़ी कंपनियां दूर हैं एक कंपनी का नाम है HUAWEI दूसरी का GTE ए चीन ही नहीं बल्कि दुनिया में टेलीकॉम बनाने वाली बड़ी कंपनियां है इन कंपनियों के साथ कोई भी कंपनियां 5 ट्रायल के लिए अनुबंध नहीं किया है इन साझेदारों में एक भी कंपनी चाइनीज नहीं है यह साझेदार अमेरिकी यूरोपीय कंपनियां है एयरटेल इस साल जनवरी में 5G का ट्रायल भी कर चुकी है यह टेस्टिंग हैदराबाद में की गई थी एयरटेल की माने तो हो 5G जी के लिए पूरी तरह से तैयार है बस मंजूरीओं का इंतजार है।
किन-किन शहरों में 5G ट्रायल हो सकती है?
अब आप यह भी जान लीजिए कि टेलीकॉम कंपनियां किन-किन शहरों में 5G ट्रायल कर सकती है। हर टेलीकॉम कंपनी को 5G का ट्रायल हर तरह के इलाकों में करना होगा मतलब हर कंपनी को गांव कस्बे और शहरों के स्तर पर 5G टेक्नोलॉजी का ट्रायल करना होगा इसे शहरी जगहों तक सीमित नहीं रखा गया है। रिलायंस जिओ साउथ मुंबई, नवी मुंबई, बांद्रा कुर्ला कंपलेक्स, कमोठ, सोलापुर, पुणे, अहमदनगर, दिल्ली के चांदनी चौक और शास्त्री नगर में 5G ट्रायल कर सकती है। वोडाफोन आइडिया गुजरात के गांधीनगर, और पेतापुर पुणे का शारदा सेंटर, और नानकेरवाडी़ मैं ट्रायल कर सकती है कोलकाता में और कर्नाटक में एयरटेल 5जी ट्रायल कर सकती है यानी कि टेलीकॉम कंपनियों ने 5G की ट्रायल के लिए पुख्ता तैयारी कर रखी है अब सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।
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5G Trial |
कहीं 5G शरीर के लिए नुकसानदायक तो नहीं?
जबसे वायरलेस तकनीक आई है इसे लेकर लोगों के मन में एक भ्रम बना हुआ है अभी हाल ही में कई टीमें ने पड़ताल की इसमें बताया गया है कि लोगों को 5जी की वजह से किसी भी चीज को छूने करंट लग रहा है इस दावे की जांच करने पर यह गलत निकला। रेडिएशन के भय को दिमाग से निकालने के लिए आपको इसके पीछे का साइंस समझना होगा रेडिएशन का मतलब एनर्जी का किसी सोर्स से बाहर आना ऐसा हर ऊर्जा के सोर्स से होता है जैसे आग जलती है तो उससे गर्मी निकलती है इसे भी शरीर के हिसाब से रेडिएशन ही माना जाता है लेकिन कुछ तरह के रेडिएशन बीमार कर सकते हैं जान लेते हैं और कौन से रेडिएशन होते हैं खतरनाक और सुरक्षित इस हिसाब से हम रेडिएशन को दो हिस्सों में बांट सकते हैं एक आयोनाइसीन और दूसरा नॉन आयोनाइसीन आयोनाइसीन रेडिएशन वह होता है जिसमें तरंगों को त्रिव्रता बहुत ज्यादा होती है मिसाल के तौर पर अल्ट्रावायलेट तरंगे जैसे एक्स तरंगे और गामा रे तरंगे यह शरीर को नुकसान पहुंचा सकते हैं शरीर के कोशिकाओं और डीएनए तक को ये नुकसान पहुंचा सकते हैं। नॉन आयोनाइसीन मैं तरंगों की तीव्रता बहुत कम होती है तीन तरंगों में इतनी ताकत नहीं होती कि शरीर में कोई हरकत कर सकें मिसाल के तौर पर रेडियो वाली मीडियम वेब और एफएम वाली तरंगें इसी तरह 5G के नेटवर्क में मैं भी नॉन आयोनाइसीन वाले तरंगों का उपयोग 4जी और 5G तकनीकों में होता है। अमेरिकन कैंसर सोसायटी ने रेडियो वेब पर कई वर्षों से अपने स्टडी में पाया है कि इनका इंसानों पर कोई भी बुरा प्रभाव नहीं पड़ रहा है ।
5G का डाटा पैक भारत में कितने का पड़ेगा?
5G का डाटा पैक भारत में कितने का पड़ेगा इसका अंदाजा अभी लगाना मुश्किल और जल्दबाजी भरा होगा लेकिन इंडस्ट्रीज के जुड़े लोगों ने बताया कि भारत में डाटा को लेकर पहले ही कंपनियों में काफी कंपटीशन है ऐसे में 5G का डाटा 4G के मुकाबले में ज्यादा महंगा नहीं होगा अगर हम अपने आसपास नजर दौड़ाये तो चीन एक ऐसा देश है जो कमर्शियल 5जी सर्विस शुरू कर चुका है ग्लोबल्स टाइम के एक खबर मुताबिक 5G के 30 जीबी डाटा की कीमत तकरीबन 1500 रुपए रखी थी लेकिन अब उसकी कीमत में काफी कटौती हो चुकी है।
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